शिव तांडव-
शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है अधिकतर लोग शिवलिंग की पूजा करते है कुछ ही लोग शिव की मूरति की पूजा करते है जब माता शती की मृत्यु हुई तब शिव जी ने शिव तांडव सुरु कर दिया और पृथ्वी पर इधर उधर भागने लगे जब वो ब्रामनास पहुंचे तो बहुत गुस्से में थे और और उन्हें श्राप देने लगे इसका परिणाम ये हुआ की शिव जी के शरीर से लिंगा अलग हो गया और पृथ्वी पर गिर पड़े पर लिंगा का बजन बहुत भारी था तो वो पृथवी पर सहा नही जा था इस घटना से तीनो लोको में हलचल हो गयी जब पृथ्वी की हालत ख़राब होने लगी तो सारे देवता और ऋषि ब्रम्हा जी के पास पहुंचे सहायता मागने के लिए.ब्रम्हा जी ने शिव जी का गुस्सा होने कारण जाना जब ब्रम्हा जी खुद और सारे ऋषि शिव जी के पास गए फिर ब्रम्हा जी ने शिव जी की आरधना की और कहा शिव जी आप अपना लिंगा वापिस पहन ले तब शिव जी ने कहा की यह पर जो सारे लोग है सब मेरे लिंगा से आराधन करे तभी में पहनुँगा जब ब्रम्हा जी ने सोने का शिवलिंग बनाया फिर सारे देवताओं ने शिवलिंग की मिलकर पूजा की तब जाकर शिव जी माने।
शिव की पूजा शिवलिंग के रूप में की जाती है अधिकतर लोग शिवलिंग की पूजा करते है कुछ ही लोग शिव की मूरति की पूजा करते है जब माता शती की मृत्यु हुई तब शिव जी ने शिव तांडव सुरु कर दिया और पृथ्वी पर इधर उधर भागने लगे जब वो ब्रामनास पहुंचे तो बहुत गुस्से में थे और और उन्हें श्राप देने लगे इसका परिणाम ये हुआ की शिव जी के शरीर से लिंगा अलग हो गया और पृथ्वी पर गिर पड़े पर लिंगा का बजन बहुत भारी था तो वो पृथवी पर सहा नही जा था इस घटना से तीनो लोको में हलचल हो गयी जब पृथ्वी की हालत ख़राब होने लगी तो सारे देवता और ऋषि ब्रम्हा जी के पास पहुंचे सहायता मागने के लिए.ब्रम्हा जी ने शिव जी का गुस्सा होने कारण जाना जब ब्रम्हा जी खुद और सारे ऋषि शिव जी के पास गए फिर ब्रम्हा जी ने शिव जी की आरधना की और कहा शिव जी आप अपना लिंगा वापिस पहन ले तब शिव जी ने कहा की यह पर जो सारे लोग है सब मेरे लिंगा से आराधन करे तभी में पहनुँगा जब ब्रम्हा जी ने सोने का शिवलिंग बनाया फिर सारे देवताओं ने शिवलिंग की मिलकर पूजा की तब जाकर शिव जी माने।
तब से अब तक शिवलिंग की पूजा होती है और होती रहेगी शिव जी बारे में जानने के लिए www.shivagod.in पर क्लिक करे.
जोर से बोलो
ओम नमः शिवाये।
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